(संपादक मध्यप्रदेश:सचिन कमल पटेल)
दि. 22 झाबुआ/ मध्यप्रदेश
समाजसेवी महेश शर्मा नें वर्ष 2011 में झाबुआ क्षेत्र जल संकट दूर करने के लिए शिवगंगा अभियान की शुरुआत की.!
हर साल एक करोड़ लीटर बचा रहे पानी
आज इस अभियान से 800 गाँव जुड़े है.! इनकी पहल पर आदिवासीयो ने 130 तालाब और 2.5 लाख कंतुर् क्रेच बना दिये! इनसे हर साल एक करोड़ लीटर पानी बच रहा है! इस अभियान को हलमा कहा जाता हैं! सालभर में एक बार आवहाँन होता है! आदिवासियों की टोलियां ट्रेंच बनाने के लिए एकत्र हो जाती है!
क्या होता है हलमा:-
हलमा: “समाज का प्राकृतिक इम्यून सिस्टम”
जिस तरह शरीर का इम्यून सिस्टम बाहरी संक्रमण से लड़कर खुद को ठीक करता है, वैसे ही हलमा आदिवासी समाज का इम्यून सिस्टम है। जब कोई संकट आता है—चाहे वह पानी की कमी हो या कोई और समस्या—तो पूरा समाज एकजुट होकर इसे हल करता है।
हलमा आदिवासियों में लोगों के दुख दूर करने की एक परंपरा है, इसी की तर्ज पर जल संरक्षण के यह प्रयास किया जा रहे हैं महेश शर्मा को पानी बचाने के लिए उनके किए गए कामों के लिए पद्म श्री से नवाजा जा चुका है| शिवगंगा द्वारा हलमा के माध्यम से लायी गई जल-क्रांति केवल संरचनाओं की कहानी नहीं है, बल्कि यह भविष्य की पीढ़ियों को आत्मनिर्भर बनाने का आंदोलन है।
Hum Karte Hain Apki Baat